टाटा पावर-डीडीएल ने ग्रिड रेज़िलिएंस फ्लेक्सिबिलिटी के लिए इंटरनेशनल स्मार्ट ग्रिड्स एक्शन नेटवर्क अवार्ड फॉर एक्सीलेंस 2024 जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हासिल किया

नॉर्थ दिल्ली में 7 मिलियन से अधिक की आबादी के लिए बिजली सप्लाई करने वाली अग्रणी पावर यूटिलिटी टाटा पावर-डीडीएल ने अपने प्रोजेक्ट – ‘एन्हान्सिंग ग्रिड रेज़िलिएंस थ्रू एंड-यूज़र बिहेवियरल डिमांड रेस्पॉन्स’ के लिए इंटरनेशनल स्मार्ट ग्रिड्स एक्शन नेटवर्क अवार्ड फॉर एक्सीलेंस 2024 जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हासिल किया है। यह पुरस्कार समारोह हाल ही में ब्राजील में आयोजित किया गया था जिसमें टाटा पावर-डीडीएल के इस प्रोजेक्ट को चुनींदा कंपनियों के बीच उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘मानद उल्लेख’ भी प्राप्त हुआ।

इस पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन अत्यंत विशिष्ट इंटरनेशनल जूरी द्वारा ग्लोबल स्मार्ट एनर्जी फेडरेशन (जीएसईएफ) के सहयोग से किया गया। समारोह 1-3 अक्टूबर के दौरान 15वीं क्लीन एनर्जी मिनिस्ट्रियल मीटिंग (CEM15/MI-9) के तहत् आयोजित किया गया था। इस ग्लोबल फोरम का मकसद वैश्विक स्तर पर क्लीन एनर्जी इकनॉमी को अपनाने की दिशा में जारी मौजूदा नीतियों एवं प्रोग्रामों तथा श्रेष्ठ कार्य प्रथाओं को साझा करना है।

आईएसजीएएन अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस दुनियाभर में लागू स्मार्ट ग्रिड्स प्रोजेक्ट्स में से उत्कृष्ट की पहचान करने के साथ-साथ स्मार्ट ग्रिड्स में लीडरशिप एवं इनोवेशन का लाभ उठाते हुए श्रेष्ठ कार्य प्रथाओं के वैश्विक स्तर पर आदान-प्रदान में तेजी लाने के लिए प्रयासरत है। साथ ही, यह अन्य मार्केट्स, देशों एवं क्षेत्रों में संबंधित अवधारणाओं को बढ़ावा देने एवं उनको अपनाने के लिए भी प्रेरित करता है।

टाटा पावर-डीडीएल अपने शानदार और नवाचारी एनर्जी सॉल्यूशंस के लिए अपनी पहचान बना चुका है। डिस्कॉम ने ग्रिड की स्थिरता और कार्यकुशलता को प्राथमिकता देते हुए भरोसेमंद बिजली सप्लाई और बेहतर ग्रिड स्थिरता के मामले में इंडस्ट्री में नए मानक रचे हैं।

इस पुरस्कार को जीतने पर श्री गजानन एस काले, चीफ एग्जीक्युटिव ऑफिसर, टाटा पावर-डीडीएल ने कहा, “हम इस पुरस्कार को प्राप्त कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। स्मार्ट ग्रिड टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रगति को बढ़ावा देने के लक्ष्य पर कार्यरत टाटा पावर-डीडीएल के लिए यह इंटरनेशनल सम्मान ग्रिड क्वालिटी और रेजिलिएंस में उसकी नेतृत्व क्षमता का सूचक है जो एनर्जी के क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा के स्रोतों की ओर प्राथमिकता को दर्शाता है। यह पुरस्कार हमें स्मार्ट ग्रिड के क्षेत्र में एक्सीलेंस और इनोवेशन के लिए प्रयास जारी रखने को प्रेरित करेगा।”

यह पुरस्कार इस बात का भी सूचक है कि टाटा पावर-डीडीएल ने बिहेवियरल डिमांड रिस्पॉन्स (बीडीआर) प्रोग्राम के जरिए एक उल्लेखनीय पहल शुरू कर स्वयं को भारत में ग्रिड रेज़ीलिएंस के अग्रणी मोर्चे पर ला खड़ा किया है। पीक आवर्स के दौरान बिजली की बढ़ती मांगों को पूरा करने के मकसद से तैयार बीडीआर प्रोग्राम रिहाइशी तथा कमर्शियल दोनों ही वर्गों के उपभोक्ताओं को अपने-अपने स्तरों पर बिजली का अधिक कुशलतापूर्वक उपयोग करने की दिशा में सशक्त बनाता है, जिससे ग्रिड पर भी दबाव कम करने, पर्यावरण पर असर घटाने, और एनर्जी सस्टेनेबिलटी को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

बीडीआर प्रोग्राम को विव 22 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया था। टाटा पावर-डीडीएल का बीडीआर प्रोग्राम एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था – यह था उपभोक्ताओं को, खासतौर से पीक

डिमांड पीरियड में, प्रोएक्टिव एनर्जी मैनेजमेंट से जोड़ना। इस पहल ने उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण अवधि के दौरान अपनी बिजली की खपत कम करने में समर्थ बनाया है और परिणामस्वरूप एनर्जी डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ी है और साथ ही, मंहगी बिजली की खरीद से भी बचने में मदद मिलती है।

शुरू में, पायलट से 2,000 प्रतिभागियों को जोड़ा गया था और इसने मांग में 7.69 मैगावाट की कमी लाने में मदद पहुंचायी। इन शुरुआती उपलब्धियों के आधार पर, टाटा पावर-डीडीएल ने अपनी पहुंच में विस्तार कर विव

25 तक 100,000 से अधिक उपभोक्ताओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। जैसे-जैसे प्रतिभागिता बढ़ेगी, प्रभाव भी बढ़ेगा: यानि संचयी लोड में चार वर्षों के दौरान शानदार 1052 मैगावाट की कमी आयी है, जिससे नाजुक समय में ग्रिड का लोड घटा है। इस प्रयास के चलते, कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन में भी करीब 1662 टन की कमी लाने में मदद की है जो कि 63,120 पेड़ों को बचाने के बराबर है।

टाटा पावर-डीडीएल के बीडीआर प्रोग्राम में इनोवेटव टेक्नोलॉजी और कम्युनिटी भागीदारी का महत्वपूर्ण मेल समाहित है। स्मार्ट मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल टाइम डेटा और कस्टमर केंद्रित कैम्पेन्स का लाभ उठाते हुए,

टाटा पावर-डीडीएल ने काफी हद तक ऊर्जा की बचत करने में कामयाबी हासिल की है और अन्य कंपनियों के लिए भी अनुकरणीय फ्रेमवर्क पेश किया है। जो उपभोक्ता पहले से जलवायु संबंधी प्रयासों को समर्थन देने में रुचि रखते आए हैं लेकिन उनके पास कोई व्यावहारिक मार्गदर्शन नहीं था, वे भी अब इस दिशा में अपने स्तर पर सार्थक प्रभाव डाल सकते हैं।

जैसे-जैसे बीडीआर प्रोग्राम आगे बढ़ रहा है, टाटा पावर-डीडीएल उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ पर्यावरण पर भी प्रभाव घटाने के नए तौर-तरीकों को तलाशने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रोग्राम की कामयाबी एक ऐसे भविष्य का भरोसा दिलाती है जिसमें यूटिलिटी कंपनियां और उपभोक्ता मिलकर सस्टेनेबल, रेज़ीलिएंट एनर्जी लैंडस्केप के लिए मिल-जुलकर काम कर सकते हैं।

Leave a Comment